अनलिस्टेड कंपनियों को डीमैट फॉर्म में रखने होंगे शेयर, सरकार बना रही प्लान

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अनलिस्टेड कंपनियों को डीमैट फॉर्म में रखने होंगे शेयर, सरकार बना रही प्लान


जल्द ही अनलिस्टेड कंपनियों को भी अपने शेयर डिमैट फॉर्म में रखने पड़ सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने एक ऐसा सिस्टम तैयार करने की शुरुआत कर दी है, जहां अनलिस्टेड कंपनियों को भी अपने शेयर डिमैटीरियलाइज्ड फॉर्म में रखने होंगे। सरकार की इस पहल का उद्देश्य अवैध फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाना है।

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इलीगल डीलिंग पर लगेगी रोक
एक बार इस प्लान के लागू होने से अनलिस्टेड कंपनियों से जुड़ी इलीगल डीलिंग पर रोक लगेगी और साथ पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी एक्ट को लागू करने वाली कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री इस प्लान को तैयार करने पर काम कर रही है, जिसके तहत अनलिस्टेड कंपनियों को अपने शेयर डिमैटीरियलाइज्ड (डीमैट) या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने होंगे।

मैकेनिज्म तैयार कर रही सरकार
मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परकाम चल रहा हैऔर जरूरी मेकैनिज्म के साथ अन्य मुद्दों पर भी काम किया जा रहा है। डीमैट फॉर्म में शेयर रखने से बेनामी ट्रांजैक्शंस पर रोक लगने का अनुमान है। फिलहाल सिर्फ लिस्टेड कंपनियों को अपने शेयर डीमैट फॉर्म में रखने होते हैं।

देश में हैं 11.76 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में फिलहाल 11.76 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, जो इस साल अप्रैल के अंत तक एक्टिव थीं। इनमें से 11.68 लाख कंपनियां शेयर रखती हैं।
ब्लैकमनी और अवैध एसेट्स पर शिकंजा कसने के क्रम में कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने ऐसी 2.26 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था, जो लंबे समय से बिजनेस एक्टिविटीज से अलग थीं। इनमें से अधिकांश कंपनियों पर इलीगल फंड के प्रवाह के लिए इस्तेमाल होने का संदेह था।



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